भूतनाथ मंदिर का अंगीठा
Posted on 24-06-2023 07:28 PM

                                                मंडी राजा ने भूतनाथ मंदिर में अंगीठा जलाने का अधिकार किस परिवार को दिया था?

          आदरणीय गुरुदेव 93 वर्षीय श्री भूपेंद्र मल्होत्रा जी(बुलू मास्टर) ने प्रतिवर्ष शिवरात्रि के दिन भूतनाथ मंदिर में अंगीठा((भूतनाथ मंदरा रा गीठ्ठा) जलाने के बारे में एक बहुत ही दिलचस्प जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि उनके पुरखे श्रीदेवी सहाय जी मंडी राजा के दरबार में नौकरी करते थे और उनकी देखरेख में 'रानी साहिबा रा दवाला' मंदिर जिसे अब एकादश रूद्र महादेव के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण किया गया था। जिससे प्रसन्न होकर मण्डी राजा ने उन्हें चौहटा बाजार के अंतिम कोने पर मानगढ़ बिल्डिंग का एक हिस्सा (भूतनाथ मंदिर के सामने गली में मल्होत्रा क्लीनिक के साथ ) इनाम स्वरूप उन्हें दिया था।

उस समय के मंडी राजा ने इसके साथ ही एक और विशेषाधिकार देवीसहाय जी को दिया कि प्रतिवर्ष भूतनाथ मंदिर में शिवरात्रि में अंगीठा प्रज्वलित करने का अधिकार पीढ़ी दर पीढ़ी श्री देवीसहाय जी के परिवार के पास रहेगा।

और कई वर्षों तक यह परंपरा देवीसहाय जी के वंशज निभाते आ रहे हैं।मास्टर धनदेव मल्होत्रा जी ने इस जिम्मेदारी का निर्वाह मृत्युपर्यंत वर्ष 1989 तक किया।तत्पश्चात उनके सुपुत्र भी इस कार्य को करते आ रहे हैं।लेकिन अब यह केवल सांकेतिक रूप में होता है क्योंकि जब से श्री भूतनाथ मंदिर प्रशासन के अधीन हुआ तब से इस परंपरा में बदलाव हुआ है।



           पहले भूतनाथ मंदिर के प्रांगण में जलने वाला अंगीठा बहुत ही छोटे रूप में होता था तत्पश्चात इसमें जब पक्का फर्श डाला गया तो आसपास की प्रॉपर्टी को कोई नुकसान ना हो इस बारे में स्थानीय प्रशासन ने वर्ष 1961 में एक पत्र,मास्टर धनदेव मल्होत्रा जी वह श्री शिवराम सराफ जी को प्रेषित कर उनसे अनुरोध किया गया कि अंगीठे की ऊंचाई व आकार इस तरीके से रखा जाए कि इससे फर्श को कोई नुकसान ना हो।अंगीठे को बड़ा रूप देने के लिए शिवराम सराफ जी के परिवार का योगदान रहा है।

यह तो सर्वविदित ही है कि भूतनाथ मंदिर में प्रतिवर्ष शिवरात्रि को इस अंगीठे में नगरवासी सदियों से अपने अपने घरों से लकड़ियां लाकर डालते आ रहे हैं और यह परंपरा अभी तक जीवित है।mandipedia/23

                        

                                      मास्टर धनदेव                                                                  भूतनाथ मंदिर में जलता अंगीठा

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