मंडी शैहरा री सैर - समीर कश्यप एडवोकेट
Posted on 29-06-2023 02:25 PM

                                                                                      मंडी शैहरा री सैर

लेखक परिचय:भगवाहन मुहल्ला निवासी समीर कश्यप जी अपना मंडी न्यूज़ सर्विस के नाम से फेसबुक पेज पर सक्रिय रहते हैं और स्थानीय संस्कृति के बारे में इनकी काफी गहरी पैठ है। स्थानीय संस्कृति को लेकर भी समय-समय पर आप अपने ब्लॉग लिखते रहते हैं जो कि काफी लोकप्रिय हुए हैं। इन्होंने मंडी नगर के (निगम बनने से पहले)सभी 13 मुहल्लों के बारे में मंडयाली लेखों के माध्यम से यहां की गलियों,मुहल्लों, मंदिरों इत्यादि के दर्शन लोगों को करवाएं जो की बहुत ही लोकप्रिय हुए थे।

 पुनः हम उन लेखों को मंडीपीडिया में आपके सम्मुख ला रहे हैं। आशा है कि इन में वर्णित सभी स्थानों को आपने देखा है या देखने की इच्छा रखेंगे। हमारा युवा वर्ग भी जो अपने मोहल्लों और गलियों को छोड़कर दूसरी जगह नए निर्मित घरों में रहने लगे हैं उन्हें भी शायद अपनी गली,मोहल्ले में घूमने की इच्छा होगी ऐसी हम कामना करते हैं।

समीर कश्यप जी अपना परिचय अपने ही अंदाज में कुछ यूं ब्यां करते हैं कि,"मेरा नाम समीर कश्यप है। पेशे से अधिवक्ता हुं और पत्रकारिता का शौक होने के कारण विधि संवाददाता का काम भी करता हूं।मेरा कार्य क्षेत्र जिला एवं सत्र न्यायलय मंडी, हिमाचल प्रदेश है। इसके अलावा मुझे साहित्य, राजनीती, खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों में रूची है। सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्ता होने के नाते सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की गतिविधियों में सक्रिय रहने की कोशीश हमेशा रहती है। इस ब्लॉग में वैसे तो मैं जो रोजमर्रा की रिपोर्टिंग करता हुं उसी से संबंधित समाचारों को ही शामिल करता हूं। लेकिन इसमें लेखों, कविताओं व अन्य सामग्री भी समय - 2 पर डालता रहता हूं। उम्मीद है यह बलॉग आपको पसंद आएगा......."

खलयार महल्ले री सैर -1

आज एक विचारे जोर पकडी लितेया भई मुंजो आपणे दफ्तरा रा काम पूरा करने बाद सैरा (इवनिंग वॉक) पर निकलणा चहिए। इने विचारे काम टाईमा परा काम निपटाणे कठे हाऊँ बुझां आंदोलित हे करी दितेया। मना बीच सोचेया भई एक बारी भी कने मंडी शैहरा री परिक्रमा करणी। पैहले हाऊं भ्यागा जाहां था सैरा जो पर ऐस बारी मुंजो सांझकी मंडी देखणे जो मिलणी। सांझकी मंडी मतलब ज्यादा लोक देखणयो मिलणे। क्योंकि ज्यादातर लोक सांझा आपणे घरौ बखौ चली पौहायें या घरा पहुंची जाहें।

दफ्तरा ले निकलदे-निकलदे 7.27 बजी गये। इरादे रे मुताबिक मैं मुघवाण (भगवाहन) महल्ले आपणे घरा री हेठली मंजला रे आपणे दफ्तारा ले सैर कठे चली पया। बाहर निकलुआं जेबे चलया ता कई ऐहडे लोक सुझे जो विरले हे मिलाहें थे मुंजो। बंगला महल्ला, शमशान घाट, हनुमान घाट, कादस रूद्र मंदरा बगैरा बटिहें गुजरदा हुआ जेबे पुराणी मंडी रे विक्टोरिया पुहल़ा पराले पौहुंचेया ता तेथी ता नजारा हे कुछ होर था। ब्यास दरयाओ बुझां आपणी पूरी जवानी पराले था। आपणे दोन्हों बाडहा री जानियां जो ढकी कने होर पूरे ताडा बिच फैली कने बैहंदा हुआ ब्यास दरयाओ आपणे विस्तारा रा अहसास करवाई करहां था। पता नी कितना हे पाणी कुछ हे क्षणा बिच पुला जो पार करी देई कराहां था। पर इतना जरूर था भई बाजारा री उमस पुलहा पराले एक दम गायब थी। बल्कि धुंध होर ठंडी-2 सुकून देंदी हवा सारी ध्याडी री गर्मी छु मंतर करी कराहीं थी।

पुहल पार करूआं हाऊं वार्ड नंबर एक खलयार मुहल्ले री सडका परा पहुंची गया। एन एच-20 पठानकोट मंडी सडका रे दोनों तरफ बसी रा खलयार मुहल्ला। ऐस मुहल्ले रा नांव जवाहर नगर बी हा। लकडी डिपो, शनी मंदिर, डी सी निवास, जवाहर पार्क, डी ए वी स्कूल, राधास्वामी बगैरहा कुछ ऐहडी जगहा ही ऐस मुहल्ले बिच जिन्हा रे बारे बिच मंडी रे लोक काफी हदा तक जाणाहें। बुजुर्ग दसाहें भई ये महल्ला बडी प्लानिंग के बणाइरा। ऐस मुहल्ले बडे बांके-2 घर बणीरे होर खलयारा जो मंडी रा पॉश महल्ले मनया जाहां। पर ऐभे कुछ लोक पहाडा री कटिंगा करी के घर बनाई कराहें। जेता के जमीन धंसणे रा भी खतरा हुई गईरा। कुछ टाइम पैहले कई मकाना पर मलबा आई गया था होर कटौले वाली सडक भी लाहसा आउणे ले टुटी गई थी।

खलयारा रे दूजे कुणे पराहले बणिरे गैसा रे स्टोरा वाले पुहला तका मेरी सैरा रा आखिरी पडाव था। इथी ले ब्यासा पराले नजर घुमाई तो सामणे एक बारी भी एक विहंगम दृष्य मौजूद था। ब्यास दरयाओ आपणे पूरे विस्तार के बही कराहां था। रघुनाथा रे पाधरा बाले दरयावा रा खूबसूरत मोड ऐहडा लगी कराहां था बुझां एक बहुत बडा सर्प गुजरी कराहां। दरयावा जो देखी के उतराखंडा री याद भी ताजी हुई गई। ब्यास दरयावा रे ऐस प्रवाह अग्गे केस री चली सकाहीं। होर अझी तका ब्यास नदिये हनुमाना घाटा हनुमाना रे पैर तक नीं छुईरे तेबे हे इतना पराक्रम सुझी कराहां। अगर किथकी केदारनाथा साहीं घटना इथी घटित हुई जाओ ता आसारे शैहरा रा क्या हश्र हुणा हुंगा ऐतरा ता आसे अनुमान बी नीं लगाई सकदे।

खैर, इन्हाये विचारा बिच गवाहिरा हाऊं आपणी वापिसी री यात्रा शुरूहु करी देहां। पेट्रोल पंपा रे सामने एक पाणी मुटिरा। सोचया पाणी पी लूं। जेबे पाणी पितेया ता ये बडा हे भारी मीठा लगया। फेरी ध्यान गया भई सौगी हे एक पुराणी बांय ही जे आधी सडक रे हेठ ढकी गईरी। ये बांय आचकल सुक्की गईरी। हुई सकां ये मुटिरा पाणी बांई रा हे पाणी हो। छुहडु पीछे लगीरे मकाना रे काम के ये पाणी छुहडु बटियें मुटी गईरा। प्रशासना जो ऐस मुटिरे पाणी कठे एक बांय बनाणी चाहिए या पुरानी बांय हे ठीक करी देणी चहिए। कोयला री आवाजा होर झिंगुरा रा संगीत मेरी सैरा जो संगीतमय बनाई के होर सुंदर करी कराहां था। कोई चीज तंग करी कराहीं थी ता से थी एन एच 20 पर दौडदी गडियां। गडियां होर गडियां, कारा होर कारा, जीपा होर जीपा होर होर जीपा, बसा, ट्रक, टैंकर होर स्कूटर-मोटरसाइकल। इन्हा ले बचणा बडा जरूरी हुई जाहां अगर तुसे सैरा रा सही मजा लैणा चाहें।

ता ये थी साथियो मेरी खलयार महल्ले री सैर। अगर सैरा रा दौर जारी रैहा ता तुसा जो होर महल्लेयां री सैर बी करवांघा।

 पुरानी मण्डी री सैर-2

मंगलवार 25 जूना ले शुरू हुईरा सैरा रा सिलसिला लगातार जारी हा। खलयारा बाद अगले दिन यानी बुधवारा जो मेरी सैरा रा रूट था पुराणी मंडी। पुराणी मंडी विक्टोरिया पुलहा रे नेडे तेडे री जगहा आजकाले चैहल-पैहला वाल़ी हुई गईरी। विक्टोरिया पुलहा बटियें गडियां री भारी आवाजाही रे करूआं कबला हे जाम लगीरा रैहां। आसौ ता शुक्रगुजार हुणा चाहिए अंग्रेजा रा जिन्हे पारली (पुराणी) मंडी होर वारली मंडी रे दो किनारेयां जो गडियां लायक जोडने कठे सन 1875 बिच विक्टोरिया पुलह बणवाया था। ऐस पुलहा री गारंटी 100 साला तका थी पर ये आजकले 136 साला रा हुई गईरा। तेबे बी ये बेतहाशा बधी गईरी गडियां रा भार सही करहां। पुलहा री हालता जो देखदे हुए कई बार नौंवे पुलहा जो बनाणे री गला बी सामहणे आउंदी रैहयांई पर पता नी बणना कधी हा या फेरी सिर्फ राजनीती हे हुंदी रैहणी। फिलहाल आसारा प्रशासन ऐस पुलहा पराले तरस नीं खाई करदा। पुलहा रे सौगी हे पठानकोट होर कटौले बखौ जाणे वाली सवारियां रा बस स्टॉप बणी गईरा। सारा दिन भर लोक इथी रेन शैल्टरा बाले होर पीपला रे हेठ आपणी बसा निहाल़ाएँ। इन्हा लोका कठे बैठणे जो कोई जगहा नी ही जेता करूआं इन्हां जो कडाके रे धुप्पे होर बरखा बिच आपणा बक्त काढ़णा मुश्कल हुआं। ऐस बस स्टॉप रे नजदीक कोई पशाब खाना बी नीं हा जेता करुआं लोका जो बडी परेशानी झेलणी पौंहाई। हालांकि नगर परिषदे एक पशाबखाना इथी बनाईरा बी हा पर ये बी काम नीं करी करदा। इथी हे ब्यास दरयावा रे कंडहे पुराणी मंडी रा शमशान घाट हा। पर कुछ ध्याड़े पैहले मलबा आउणे ले ये दभी गया था। अझी बी ये पूरी तरहा के ठीक नीं हुईरा। ऐस जगहा एक बारी इतना मलबा आई गया था जे एन एच 20 कई ध्याडे बंद रैहा था। मलबे सौगी बडी-2 चट्टाना सड़का पर उतरी गई थी। शुक्र हा जे कोई इन्हुए टपदा नी लगीरा था तेबे केसी जो जानी रा नुकसान नीं हुआ निता तेसरा कुछ नी बचणा था। मंडी रा सभी ले पुराणा महल्ला पुराणी मंडी हा। दरअसल सेन वंशा रे राजा बाणसेन सभी थे पैहले शिवा बदारा ले भ्युली होर पुराणी मंडी हे आया था। करीब दो तीन सौ साला तका पुराणी मंडी हे मंडी रियासता री राजधानी रैही। ब्यास दरयावा रे लेफ्ट बैंका रे कंडहे बसीरा मंडी शैहर 1526 ई. बिच अजबर सेन राजे बसाया था। तेता ले बाद राजधानी पुराणी मंडी ले वारली मंडी जो आई गई थी। इहां ता मंडी जो छोटी काशी बी बोल्हाएँ पर पुराणी मंडी जो मंदरा रा महल्ला बोलेया जाहां। पुराणी मंडी लगभग हर 50 मीटरा परा एक मंदिर देखणेओ मिली जाहां। त्रिलोकीनाथा रा प्राचीन मंदर पुरातत्व विभागे राष्ट्रीय धरोहर घोषित कीतीरा। त्रिलोकीनाथ मंदरा ले ब्यास दरयाओ होर सुकेती खाड्डा रे संगम पर बणीरे पंचवक्तर मंदरा रा खूबसूरत नजारा देखणेओ मिलहां। पंजवक्तरा रा मंदर भी पुरात्तव विभागा रे संरक्षणा बिच हा। पुराणी मंडी शीतला माता, चामुंडा माता होर जालपा माता रे मंदरा समेत होर बी कई बडे बांके मंदर हे। मंदरा ले अलावा पुराणी मंडी री बाईयां भी बडी प्राचीन ही। इन्हां बाईयां रा मीठा पाणी आपणे तरहा रा सुकून देहां। पुराणी मंडी बहुत सारी बाईयां होर नौण अझी बी ठीक हालता बिच मौजूद हे। अंग्रेज इतिहासकारे मंडी रे गजेटियरा बिच बोलिरा भई मंडी रे लोका रा जनजीवन पुराणे वकता बिच इन्हा बाईयां ले हे शुरू हुआं था। मंडी रे लोक त़डके उठी के बाईं पहुंचाएं थे होर खूब कसरता बगैरा करने बाद स्नान करूआं पाणी लेई के घरा जो हटाहें थे। आजकाले बी शादी त्योहारा बिच बाईँ री पूजा हुआंई। प्रशासना जो मंडी री बाईयां होर नौणा रा पाणी बेकार नीं बैहणे देणा चाहिए। बल्कि इन्हा ले बैंहदें पाणी जो कठा करूंआ सारे शैहरा जो उपलब्ध करवाणे री प्लान बनाणी चहिए। जेता के लोका जो घरा बैठिरे ही बाईं रा शुद्ध होर साफ पाणी मिल्ही सको। अझी ये मेरी सैर रा पैहला दौर हा इधी कठे हाउं ज्यादा लोका के मिली नी पाया जेताके मुंजो महल्ले रे बारे में ज्यादा जानकारी मिली सको। पर फिलहाल जिन्हुए-जिन्हुए हाउं आपणी सैरा रे दौरान गुजरी कराहां। तेता रे बारे बिच मां तुसा जो मण्ड़याल़ी बिच जानकारी देंदे रैहणा। सभी थे बधिया गल्ल मुंजो ऐसा सैर रे अभियाना रे दौरान ये लगी कराहीं जे मुंजो बौहत सारे लोक मिली कराहें। जिन्हा जो मैं सैर ना करने ले शायद हे कधी देखी पांदा।-समीर कश्यप एडवोकेट 


   

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Rajeev Bahl
29-06-2023 05:06 PM
wah..sameer bhai....maja aai gaya ...
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