एग्रीकल्चर का पीरियड-बैलों की जोड़ी-यू ब्लॉक का इतिहास
Posted on 05-07-2023 10:20 AM

डॉक्टर किशन चंद मल्होत्रा

बजुर्गों के पास जिंदगी का तजुर्बा होता है। हमें जब भी मौका मिले साथ बैठकर इनके अनुभव और इतिहास के बारे में जानकारी लेते रहनी चाहिए। दरम्याना मुहल्ला निवासी 93 वर्षीय आदरणीय गुरुदेव श्री भूपेंद्र मल्होत्रा जी (बुलु मास्टर) अक्सर बाजार में मिल जाते हैं। बातचीत होती है और हर बार कुछ नया बता कर मन प्रफुल्लित कर देते हैं।उनसे पूछा,"गुरुजी यू ब्लॉक जहां मॉल बन रहा है,वहां पर राजा के समय में पहले क्या था? उन्हीं के शब्दों में आइए जानते हैं "आज जहां डाइट का कार्यालय है उसके साथ बिजै हाई स्कूल के हेडमास्टर जी की रिहाइश बनी थी।उससे आगे जहां यू ब्लॉक बाद में बना वहां बहुत लंबा चौड़ा खेत होता था। रियासत कालीन स्कूल में उन दिनों एग्रीकल्चर का पीरियड होता था।"गुरुज थोड़ी देर के लिए यादों में खो जाते हैं और याद करके आगे बताया कि, '"हम प्राइमरी क्लास में थे तो हम बड़े चाव से उस पीरियड का इंतजार करते थे क्योंकि हमारे लिए यह खेल की तरह ही होता था। किलणी से बच्चे खुदाई करते थे और बड़ी

 मास्टर भूपेंद्र मल्होत्रा जी

कक्षा के बच्चे बड़े स्केल पर सब्जी उगाने का काम करते व सीखते थे। इस खेत में केवल सब्जियां उगाई जाती थी।काफी सब्जियां इसमें पैदा हो जाती थी।क्योंकि उन दिनों शहर में सब्जियां बहुत कम बाजारों में बिकती थी सभी के घरों के साथ सुआड़़ (किचन गार्डन )होते थे जहां पर लोग सब्जियां अपने स्तर पर ऊगाकर अपनी रसोई का काम चला लेते थे। तो इस स्कूल के ग्राउंड से जब सब्जियां तैयार होती थी तो उनको छोटी-छोटी छाबड़ी या छड़ोले में हम रखते थे तथा नगरवासी वहीं आकर के सब्जी खरीद लेते थे।इस तरह से एग्रीकल्चर के पीरियड में खेती-बाड़ी भी सीखने को मिलती थी और स्कूल को भी सब्जी बेचने से कुछ आमदनी हो जाती थी।बाद में यहां पर राजा के समय भवन निर्माण हुआ और अंग्रेजी के यू आकार की शक्ल होने के कारण इसका नाम यू ब्लॉक मशहूर हुआ। फिर इसमें प्राइमरी स्कूल की कक्षाएं लगने लगी जिसमें लड़कों की भी कक्षाएं लगती थी और बाद में लड़कियों का प्राइमरी स्कूल बन गया।"

बिजै हाई स्कूल के छात्र रहे डॉक्टर के.सी.मल्होत्रा ने यू ब्लॉक से संबंधित कुछ और गतिविधियां हमें बताई। वर्ष 1940 में जन्मे डॉक्टर मल्होत्रा ने 1956 में स्कूल से दसवीं पास की। पूछने पर अपने स्कूल के पुराने दिनों को याद करते हुए आपने बताया कि,

"जब मैं मैट्रिक में पढ़ रहा था तब मैंने यह कृषि फार्म देखा था जहां अब डाइट का भवन अस्तित्व में है। श्री एम.आर.सिंह बीएससी एग्रीकल्चर थे और हमें एग्रीकल्चर विषय पढ़ाते थे। उनका छोटा भाई मेरा क्लास फेलो था और वह पंजाबी में इतिहास बोलता और लिखता था। स्कूल में बैलों की एक जोड़ी भी थी। हम अक्सर खेतों में जाते थे। इसके अलावा खेत में एक रसोईघर था जहाँ छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए भोजन तैयार किया जाता था।जहाँ 6 कमरे बिजै हाई स्कूल के छात्रावास के लिए प्रयोग में लाए जाते थे।वार्डन मास्टर गोकुल चंद थे जो हमें गणित पढ़ाते थे। आज़ादी के बाद सभी छात्रों को प्रतिदिन स्किम्ड दूध दिया जाता था जो यूएनओ की सहायता से हमारे देश को आता था।" मंडी के राजा द्वारा यू ब्लॉक का जब निर्माण किया गया तब भी बीच में खाली जगह में खेत में एग्रीकल्चर पीरियड के दौरान स्कूल के छात्र खेती-बाड़ी से संबंधित ज्ञान हासिल करके वहां सब्जियां उगाते थे। फिर बाद में बहुत सालों तक इस मैदान में घास लगा दी गई जहां बच्चे खेलकूद की गतिविधियां करते थे और बाद में सरकार के द्वारा यहां पर सीमेंट डालकर सारे प्रांगण को पक्का कर दिया था। वर्तमान में यू ब्लॉक के भवन को गिरा कर उसके स्थान पर व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अब माल का निर्माण हो रहा है।प्राइमरी स्कूल का नया भवन अब स्कूल के पुराने स्टेज के साथ बन रहा है।mandipedia/23

फोटो साभार: समीर कश्यप काके ब्लॉग से।

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मीनाक्षी कपूर
05-07-2023 01:49 PM
बहुत अच्छी जानकारी । *स्वाड़* से पता चलता हैं कि आज का किचन गार्डन हमारे बहुत पहले से हैं । आज बस स्वरूप बदल गया हैं । धन्यवाद ।।
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