नगर की प्रकाश व्यवस्था
मण्डी दरबार ने वर्ष 1925 में अंग्रेज शासकों के साथ शानन पावर हाउस जोगिंदर नगर में बिजली बनाने के लिए एक एग्रीमेंट किया था जिसमें सन् 1932 में बिजली का उत्पादन शुरू हुआ हुआ।
प्रश्न है की वर्ष 1932 से पहले मंडी नगर में प्रकाश व्यवस्था कैसे की जाती थी। । तब का बसाया हुआ नगर तो थोड़ी से ही भूभाग में था जो संध्या पश्चात अंधेरे में डूब जाता था इसलिए इस बारे में जानने के लिए हमें थोड़ा पीछे चलना पड़ेगा।
मशाल का प्रयोग:
हमें एक सज्जन मिले जिन्होंने बताया कि उनके पूर्वज कहा करते थे कि नगर में चयनित स्थान पर राजा के हुकम से मशालें जलाकर राहगीरों के लिए प्रकाश किया जाता था और चौहटा में एक पोल के साथ दो मशालें नियमित रूप से जलाई जाती थी।
चौहटा का सांकेतिक दृश्य
तब घरों के भीतर लोग दीया या लैंप जलाकर रोशनी किया करते थे। लालटेन का प्रयोग तब कम ही होता था। छोटे-छोटे और विभिन्न प्रकार के लैंप जो कलात्मक व कई किस्म के होते थे और अपनी सामर्थ्य के अनुरूप परिवारों में रखे रहते थे, उनका प्रयोग प्रकाश के लिए किया जाता था।अधिकांश घरों में दिए ही जलते थे। फोटो: सोशल मीडिया
जनरेटर सेट से प्रकाश व्यवस्था
100 वर्ष पूरा कर चुके श्री ओम प्रकाश कपूर (बाबूजी) ने पूछने पर बताया कि,"जहां सेरी में आजकल कारगिल पार्क बना है सीढ़ियों के साथ नीचे एक कोने में पहले एक बहुत बड़ा प्लांट राजा ने लगाया था जिसकी देखरेख व मरम्मत का काम खतरी समुदाय के एक मकैनिक के जिम्में होता था"। (जिसका नाम वह याद नहीं कर पाए। बाबूजी का अभिप्राय शायद बड़े साइज के जनरेटर सेट की ओर है।) राजा के महल में इसी जनरेटर सेट से प्रकाश की व्यवस्था होती थी।फिर यह भी बताया कि" चबाटा में जैसिंह धवन के घर के बाहर एक बल्ब जलता था और दूसरा बल्ब मानगढ़ बिल्डिंग के बाहर गली की(आज की चंद्रलोक गली) ओर जलता था जिसका प्रकाश हमारे घर के बाहर तक आता था। बाकी और कहां बल्ब लगे होते थे अब याद नहीं"। यह शायद वर्ष 1920-30 के आसपास की व्यवस्था रही होगी।
क्योंकि भारत में प्रथम बार बिजली का उत्पादन वर्ष 1902 में कर्नाटक में शुरू हुआ था।दूसरे नंबर पर चंबा रियासत में वर्ष 1908 में बिजली घर बना था। और मण्डी में बिजली वर्ष 1932 में शानन पावर हाउस से आई थी।शानन पावर हाउस बनने पर पहला बल्ब कहां जला था व नगर वासियों को क्या विशेष रियायत राजा मंडी द्वारा बिजली के बल्ब पर दी गई थी जानने के लिए मंडीपीडिया से जुड़े रहें।Vinod Behl/mandipedia.com/23