हमारी मण्डी-प्यारी मण्डी
Posted on 01-08-2023 04:56 PM

अपने शहर के लिए हम क्या कर सकते हैं?

पंचवक्त्र मंदिर से मण्डी का दृश्य। फोटो: राजीव बहल

इस शहर में हमने जन्म लिया,अपना बचपन बिताया, खेले कूदे, स्कूल व कॉलेज में पढ़े। कुछेक की कर्म भूमि यही बनी और अधिकांश मण्डी से बाहर गए आजीविका कमाने और सेवानिवृत्त होकर पुनः अपनी जड़ों की ओर लौट आए।

शास्त्रों में लिखा है कि  ऋण तीन प्रकार के होते हैं।पितृ ऋण, गुरु ऋण और सामाजिक ऋण। इसी समाज से ज्ञान लिया, प्रतिष्ठा मिली अब हमारा नैतिक कर्तव्य बनता है कि अपने इस समाज को कई गुना अधिक देकर इस ऋण को यथाशक्ति व यथासंभव  वापिस करें। तरीके कई हो सकते हैं।

हम चाहे तो व्यक्तिगत स्तर पर या अपने दोस्त मित्रों के साथ ग्रुप बनाकर अथवा किसी प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था से जुड़कर अपने शहर के लिए कई तरीकों से कार्य कर सकते हैं। कईयों को जिज्ञासा होगी कि हम संस्थाओं से जुड़ना तो चाहते हैं लेकिन इनके बारे में, इनके कार्यों के बारे में अधिक पता नहीं है। तो सबसे पहले हम आपको मण्डी नगर की सभी महत्वपूर्ण संस्थाओं का परिचय इस पोस्ट के माध्यम से देंगे।जुड़े रहें।mandipedia/2023



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Reviews Add your Review / Suggestion

Rajeev Bahl
02-08-2023 12:10 PM
NICE INITIATIVE...
Capt (IN) GC Saini
03-08-2023 10:04 PM
Belong to Mandi. Served in Indian Navy for 35 years from Aug 81 to Sep 2016, as commissioned officer. I am an engineer, B Tech ( Elect) from Govt Engg College, Aurangabad, now named as Shambha ji Nagar in Maharashtra. Retired and settled in Mandi. Back to roots. I am impressed with the aim of Mandipedia. Great work and lots of efforts being put in by the Mandipedia team. More power to you all. Jai Hind.
Dinesh Behl
08-08-2023 09:33 PM
Read this article with great interest . Would like to read more places/ areas of historical interest
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