रोड़ू
छोटी काशी मंडी के पारम्परिक पकjaरोड़ूवानों में से एक हैं रोड़ू (गरी के लड्डू)।गरी के लड्डू बनाने के लिए सर्वप्रथम गरी के गोले ले कर उनको कद्दूकस कर ले । छुआरे , बादाम , काजू और जो भी मेवे डालना चाहे ले कर उनको थोड़ा छोटा छोटा काट लें । थोड़ा सा खोआ ले कर रखें ( एक किलो गरी में 250 ग्राम ) कम / ज्यादा अपने हिसाब से कर ले मगर बहुत ज्यादा नहीं । मसाले पीस कर रख ले जैसे मीठा सोंफ ( धनसोआ) इलायची , काली मिर्च आदि । अब एक कड़ाई ले उसमें स्वादानुसार चीनी ले ,उसमें एक गिलास पानी / दूध डालकर पात बना ले , फिर उसमें खोआ डाल दें । अब पीसे हुए मसाले मिलाएं ।थोड़ा हिलाकर मिलाने के बाद सभी मेवे व कद्दूकस की हुयी गरी डाल दें । थोड़ा सा मिलाते रहे उस के बाद गैस बंद कर दें । हल्का ठंडा होने पर हाथों पर दूध लगा कर लड्डू बना ले । बस हो गये रोडू तैयार .. यानि गरी के लड्डू। यह बहुत ही पौष्टिक व स्वादिष्ट होते हैं।
मण्डीपीडिया की टिप्पणी:
यहां यह लिखना प्रासंगिक होगा कि पहले मण्डी नगर में रोड़ू बनाने के लिए ना तो गरी के बुरे से नाही इसको कद्दू कस्स करके बनाया जाता था। पहले घरों में गरी का गोला बाजार से लाकर के इसको गरी चीरने की दराटी से थोड़ा मोटा काटा जाता था। इस कार्य को लिए स्थानीय महिलाएं बहुत ही सक्षम होती थी और बहुत तेजी से इसे काट देती थी। अब ना तो किसी को इस दराटी से गरी चीरनी आती है ना ही लोगों के पास समय है क्योंकि सभी कुछ अब बाजार में उपलब्ध है। इस पकवान की विशेषता यह है कि भाई दूज के शुभ अवसर पर बहनें अपने भाई को टिका लगाते समय भेंट करती थी जो प्रथा अब भी जारी है।मंडीपीडिया/2023