आयुर्वेद में छः रस स्वास्थ्य की दृष्टि से भोजन में आवश्यक माने गए हैं। मंडी में परोसी जाने वाली मंडयाली धाम में यह सभी रस विद्यमान है। एक और विशेषता भी मंड्याली धाम की यह है कि जिस 'सीक्वेंस' में यह परोसी जाती है वह बहुत ही वैज्ञानिक व स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। सर्वप्रथम मीठा फिर नमकीन, तत्पश्चात खट्टा और अंत में दाल व झोल दिया जाता है। मण्डयाली धाम टौर के पत्तों की बनी पत्तल में खिलाई जाती है। टौर के पत्तों की विशेषता यह है कि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कि शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं।