वैद्य परिवार- घर,प्रौड़ व चौकियाँ-भाग-2
Posted on 27-10-2023 03:53 PM

वैद्य परिवारों की मूल चौकियां:

                 सन् 1527 में राजा अजबर सेन ने अपनी नई राजधानी वर्तमान मण्डी में बनाई तो शुरुआत में यहाँ दो मुहल्ले बने थे। जिनमें से एक भगवान(भगवाहन) व दूसरा दरम्याना मोहल्ला के नाम से जाना जाने लगा। कालांतर में इन दो मुहल्लों से आगे समखेतर अस्तित्व में आया।जैसा कि इस मोहल्ले की भौगोलिक स्थिति से स्पष्ट है इसमें सारा क्षेत्र खेतनुमा व समतल प्रकृति का था जिस कारण यह नाम पड़ा।
तीनों मुहल्लों में नाड़ी बैद व जाती बैदयों की अधिकतर चौकियां हैं। पुरानी मंडी व पड्डल में हमें कहीं भी बैदों की पुरानी चौकिया देखने को नहीं मिलती हैं।इन चौकियों में संयुक्त परिवार रहा करते थे।बाद में परिवार बढ़ने व साधन संपन्न होने पर यह परिवार अन्य चौकियों व अलग-2 मकान में रहने लगे। कुछ ने पुरानी चौकियों में ही आपस में विभाजन होने पर नवनिर्माण कर लिया।
नगर में दो प्रकार के वैद्य परिवार मौजूद थे जिन्हें क्रमशः नाड़ी बैद व जाति बैद के तौर पर आप सभी पहचानते हैं।जिस बारे में विस्तार से प्रथम कड़ी में लिखा जा चुका है जिसको आप मंडीपीडिया की पोस्ट भाग-1 क्रमांक सं.60 मण्डी रियासत का खत्री समाज नाड़ी बैद/जाति बैद-1 पर पढ़ सकते हैं
पाँच पुरानी मूल चौकियों की स्थिति नीचे दिए गए मैप में दिखाई गई है।

1.बड़ी चौक(बड्डी चौक):
              यह नाम इसके विशाल आकार व क्षेत्रफल को देखते हुए पड़ा होगा। यदि आप चंद्रलोक गली से चबाटा से होते हुए बंगले की ओर जाएंगे तो एक गली वजीर हाउस की ओर जाती है जिसमें प्रथम कोने पर आपको एक प्रवेश द्वार दिखता है।इसको नगरवासी लाली बाबू का घर (फोटो-1) के रुप में भी जानते हैं।लेकिन इस चौकी को जाने के लिए जो पुराना प्रवेश द्वार है वह बंगले से हनुमान घाट की ओर जाते हुए रास्ते में बाईं और पड़ता है जो की सलंग्न फोटोग्राफ न.2 में स्पष्ट है।

यह चौकी कितनी बड़ी थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें लगभग 16 परिवार रहते थे। जिनके प्रतिनिधियों की सूची में सर्वश्री लालमन,जैदेव,हीरा,कँठ,पत्त,तुलसीराम,मस्तराम,शंकर,द्योड़ु राम,नलोरी देवी,जीवानन्द,नात्थृराम,रामेश्वर, चौधरी,बृजलाल,मनसुखराम,और जिन्दुराम प्रमुख हैं।
        मंडी नगर में वैद्य परिवार सबसे पुराने परिवारों में से एक है और सम्भावित मूल केंद्र बड़ी चौक ही है।वर्ष 1905 के कांगड़ा भूकंप में अधिकतर भवन गिर गए थे। (ज्ञात रहे कि इस भीषण भूकंप में मंडी में लगभग 1500 व्यक्तियों की जानें गई थी और अधिकांश घर इसमें नष्ट हो गए थे) और उनका पुनर्निर्माण किया गया।
बड़ी चौक की स्थिति रेखाचित्र न.-1 में दिखाई गई है।

रेखाचित्र न.-1


2.चमचीड़े री चौक:
बड़ी चौकी के साथ ही एक और विशाल चौकी स्थित है जिसकी पहचान चमचीड़े री चौक के रुप में चली आ रही है।इस चौकी का नामकरण स्थानीय पक्षी चमचीड़े के नाम पर पड़ा है जिन्होने इस चौकी के प्रवेशद्वार की छत पर अपने बहुत से घोंसले बना रखे थे। कालांतर में अधिक परिवार होने के कारण यह स्वतंत्र चौकी के रूप में अस्तित्व में आई। यह दोनो चौकियाँ (बड़ी चौक व चमचीड़े री चौक) आपस में एक दवार से जुड़ी होती थी।लीला हांडा, जिनका मायका यहीं पर है,का कहना है कि इसे घटारडू री चौक भी कहते हैं, क्योंकि चमचीड़े नाम के इस पक्षी को घटारडू भी कहा जाता है।
            बाद में उपरोक्त दोनों चौकियों में संयुक्त परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़्ने एवंएवं स्थानाभाव के कारण सदस्यों ने आसपास या कुछ दूरी पर अपने स्वतंत्र घर बना लिए। जैसे की सामने बँगला मुहल्ला में चंचल राम के नाम से जाने जाने वाली वैद्या की चौकी, घासुअं परौड़, लोहार कैथ का घर, परमानन्द, बुद्धि सिंह जी के घर प्रमुख हैं।

3. भगवाहन मुहल्ला की वैद्य चौकी: इस चौकी की स्थिति समझने के लिए यदि आप चौहटा से भगवान मुहल्ला की ओर जाएं तो हरजस बिल्डिंग(कैथ का घर) से थोड़ा पहले बाएं और गली आती है और इस पतली गली में बाईं ओर यह विशाल चौकी स्थित है। रियासत कालीन प्रतिष्ठित एडवोकेट हीरालाल वैद्यजो राजा मंडी के लीगल रिमेंबरैंसर भी रहे थे, उनके पुरखों नें साथ ही नईं चौकी बाद में बनाई, का मूल घर भी यही है।
         हमें एक वंशावली प्राप्त हुई है जिसके अनुसार सन् 1600 से आगे के इस चौकी के वंशजों की जानकारी दी गई है (जो कि नीचे दी गई है)। यह हमें इस घर के वासी रवि कान्त वैद्य जी से प्राप्त हुई है।


4 बँगला मुहल्ले में बैद की चौकीः (चंचल राम)
इसे लोग मास्टर बलदेव का घर तथा चंचल राम स्वतंत्रता सेनानी के नाम से भी जानते हैं। यह बंगलेश्वरी माता के मंदिर के ठीक सामने स्थित है। इस चौकी के पुरखों के सम्भावित नाम नीचे दिये गए हैः

5. बैद की चौकी-(भुपू बैद) :
बँगला मोहल्ला से हनुमान घाट की ओर जाते समय बाईं ओर बड़ी चौकी से आगे एक लोहे का गेट आपको दिखाई देगा जहां पर यह नाड़ी वैद परिवार वालों की चौकी स्थित है।भुपू बैद जी नगर के बहुत ही प्रसिद्ध बैद हुए जो बाद में नगर पालिका के दो बार प्रधान रहे।
नीचे दिए गए रेखाचित्र न.-2 में मूल चौकियों की स्थिति दिखाई गई है।

रेखाचित्र न.-2


हमें लगभग जो 30 घर, तीनों मोहल्ले में मिले उनमें से अधिकांश परिवारों के पुरखों का मूल घर इन्हीं दोनों चौकीयों में होता है।(नाड़ी बैद व जाति बैद की चौकियों की स्थिति बताने के लिए उसे घर के किसी प्रसिद्ध शख्सियत का नाम दिया गया है ताकि आप आसानी से इन चौकियों की पहचान कर सकें।) इन 30 चौकियों की स्थिति रेखाचित्र न.-3 में विस्तृत रूप से दिखाई गई है।

रेखाचित्र न.-3


वर्तमान में भगवाहन,दरम्याना व समखेतर मुहल्ला में वैद्य परिवारों की चौकियाँ, परौड़ व घर:-


*दरम्याना मोहल्ला;
1.लाला दलीप चंद(फिलिप्स),2.डॉक्टर पी. पी. वैद्य 3. भुपसिंह 4.लाला काहन सिंह 5.मनसुख राम(धासुआँ प्रौड़) 6.डॉ. देवव्रत 7.बड्डी चौक(लालीबाबू) 8.गणेशदास(कुमार भादर)
*भगवाहन मोहल्ला;
9.रेवतीनंदन 10.रामेश्वर 11.चंचल राम(स्वतन्त्रता सेनानी) 12.मास्टर नारायणदास 13.बुद्धि सिंह 14.नंदलाल 15.रवि कान्त वैद्य 16.हीरालाल वकील 17.घोपू बैद 18.हिन्द नरेश 19.लाला दलीप चंद 20 गंगा देवी 21.ठाकरी 22.भादरु कैथ 23.प्रभु
*समखेतर मुहल्ला:
24.पालू(टापरी वाड़ेयाँ रा घर) 25.डॉ.एमपी वैद्य 26.हिमाचल प्रिंटिंग प्रेस- परमानंद तहसीलदार 27.बल्लभदास ठेकेदार 28.माधोप्रशाद 29.तेज सिंह-काँति प्रशाद 30.मुकेश एडवोकेट
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आलेख,संकलन एवं प्रस्तुति:
विनोद बहल एवं डॉक्टर पवन वैद्य/mandipedia/ 2023

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